दर्द Nirupama Mishraअप्रैल 27, 2015 सिहर - सहम उठता ये ज़माना हर आँख रोई जिंदगी ने जब- जब भी अर्थी मौत की ढोई कहीं टूटे सपनें किसी के छूट गये अपने पाया इस दर्द को जिसने कब...Read More
शासनादेश का प्रभाव Avanindra singh jadaunअप्रैल 24, 2015 आज कल स्कूल में बड़ी गहमा गहमी चल रही है प्रधानाध्यापक जी भी बड़े प्रसन्न है शासन के एक आदेश ने सरकारी स्कूलों की टी आर पी एकदम बड़ा...Read More
जाँच सुविधा निवेश खाता Avanindra singh jadaunअप्रैल 22, 2015 जांच सुबिधा निवेश खाता नयी भर्ती का जोश मेरे सर पर चढ़ कर बोल रहा था ।अभी अभी मैं नया मास्टर बना था ।शिक्षा को सुधारने की कसम खून में वक़्...Read More
लौट आना प्रिये Nirupama Mishraअप्रैल 20, 2015 उगते हुए सूरज हो तुम अभी, बहुत होगा वंदन - अभिनंदन पर दर्प से दीप्ति तुम्हारी प्रसन्नता जब चरम पर होगी, क्या देख सकोगे तुम किसी म...Read More
अम्मा जी का मृत्यु उत्सव Avanindra singh jadaunअप्रैल 15, 2015 शाम को 6 बजे अम्मा जी ने अंतिम सांस ली और घर में कोहराम सा मच गया आनन फानन सभी रिश्तेदारों को फ़ोन किये जाने लगे घर के सभी लोग दुखी कम और पर...Read More
हसीं ख़ाब निर्दोष 'कान्तेय'अप्रैल 07, 2015 कभी पूजा हमें तुमने कभी दिल से निकाला है। तुम्हारी इन अदाओं ने क़सम से मार डाला है। ज़बां मीठी हसीं रुख़सार करते क़त्ल कितनों का, नहीं ये...Read More