परधानी Ram krishna mishraअप्रैल 11, 2021परधानी प्रत्येक पाँच वर्षों के अंतराल पर हमें, आपको, हम सबको मिलता है एक मौका कि हम चुनें एक कर्णधार जो उत्तरोत्तर प्रगति की ओर ले जाए गाँव...Read More
वक़्त Ram krishna mishraअप्रैल 04, 2021वक़्त वक़्त घड़ी नहीं तलवार है, तलवार भी दुधार है। वक़्त शीशा है, हर एक फर्द का वक़्त मरहम है ,हर एक दर्द का वक़्त वो शै है, जिस पर सबका उधार है...Read More
लड़कियां Ram krishna mishraअप्रैल 03, 2021लड़कियां चुल्हपोतनी होती तुम " लड़कियाँ जो पढ़ना चाहती थीं कहा गया जरूरत ही क्या ? जिसने हाथ जोड़े ,अम्मा से, बाबा से ,भाई से उनसे...Read More