खुशी के अंकुर
खुशी के अंकुर
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राह है इक नई, कुछ जटिल ही सही।
उसको समझा भी सीखा बहुत कुछ किया।
राह बनती गई चलते चलती रही।
अपनी कागज कलम ने बहुत लिख दिया।
अब खुशी है हुई श्रेष्ठ तम दे गई।
वक्त के साथ ने भी सहारा दिया।
माँगी थी जब कभी इस जहाँ की खुशी।
इतनी हो मिली सब ससमय पा लिया।
उपलब्धि बढ़ें स्वस्थ हरदम रहें,
करते उन्नति रहें सच्चरित्र भी बनें।
उत्साहित रहें नित नई सोच से,
विकसित पुष्प बनकर भी वो खिलें।
अपने दो नयन खुशियों से भरे,
देख उनको खुशी से दिल भर गया।
पग उनके बढ़ें राह हो नित नई,
किस्मत थी उन्हें हमने ही पा लिया।
हमारे अनमोल रत्न कर रहे जहाँ रोशन,
सुख ईश का दिया अमृत सम पिया।
बड़भागी बड़े हम तो आगे बढ़े।
शुक्रिया हैं प्रभू सब सुखद पा लिया।
नैमिष शर्मा स.अ.
पूर्व माध्यमिक विद्यालय- तेहरा
विकास खण्ड/जनपद - मथुरा
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राह है इक नई, कुछ जटिल ही सही।
उसको समझा भी सीखा बहुत कुछ किया।
राह बनती गई चलते चलती रही।
अपनी कागज कलम ने बहुत लिख दिया।
अब खुशी है हुई श्रेष्ठ तम दे गई।
वक्त के साथ ने भी सहारा दिया।
माँगी थी जब कभी इस जहाँ की खुशी।
इतनी हो मिली सब ससमय पा लिया।
उपलब्धि बढ़ें स्वस्थ हरदम रहें,
करते उन्नति रहें सच्चरित्र भी बनें।
उत्साहित रहें नित नई सोच से,
विकसित पुष्प बनकर भी वो खिलें।
अपने दो नयन खुशियों से भरे,
देख उनको खुशी से दिल भर गया।
पग उनके बढ़ें राह हो नित नई,
किस्मत थी उन्हें हमने ही पा लिया।
हमारे अनमोल रत्न कर रहे जहाँ रोशन,
सुख ईश का दिया अमृत सम पिया।
बड़भागी बड़े हम तो आगे बढ़े।
शुक्रिया हैं प्रभू सब सुखद पा लिया।
नैमिष शर्मा स.अ.
पूर्व माध्यमिक विद्यालय- तेहरा
विकास खण्ड/जनपद - मथुरा
Very nice maidam ji
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