दीदी है रंगोली(बाल नवगीत)
दीदी लेकर अक्षत-रोली
मुन्ना से आकर के बोली
बुला रही हैं तुमको मैया
आओ तिलक लगा दूँ भैया
यह कह आगे-पीछे डोली
मुन्ना सुन दीदी की बातें
स्नेह भरी औ प्यारी बातें
बोला,दीदी तुम हो भोली
थाल सजाओ,जल्दी आओ
जल्दी आकर,तिलक लगाओ
तुम बाबू की मीठी गोली
तिलक लगा दी तुमको भैया
लाओ दे दो मुझे रुपैया
हँसकर दीदी मुँह को खोली
भैयादूज से बढ़ता प्यार
भाई-बहन का यह त्यौहार
सचमुच दीदी है रंगोली
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मुन्ना से आकर के बोली
बुला रही हैं तुमको मैया
आओ तिलक लगा दूँ भैया
यह कह आगे-पीछे डोली
मुन्ना सुन दीदी की बातें
स्नेह भरी औ प्यारी बातें
बोला,दीदी तुम हो भोली
थाल सजाओ,जल्दी आओ
जल्दी आकर,तिलक लगाओ
तुम बाबू की मीठी गोली
तिलक लगा दी तुमको भैया
लाओ दे दो मुझे रुपैया
हँसकर दीदी मुँह को खोली
भैयादूज से बढ़ता प्यार
भाई-बहन का यह त्यौहार
सचमुच दीदी है रंगोली
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रचनाकार
योगेन्द्र प्रताप मौर्य
बरसठी,जौनपुर
8400332294
योगेन्द्र प्रताप मौर्य
बरसठी,जौनपुर
8400332294
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