खुशियों के सब रंग
खुशियों के सब रंग
कुंडलियां
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दिया तेल और बाती,
मिलते है जब संग।
जीवन में भर जाते है,
खुशियों के सब रंग।
खुशियों के सब रंग,
सजा दो हर थाली में।
तम कहीं न रह जाए,
इस बार दीवाली में।
प्यार , दया, धर्म को,
बना लो अपनी थाती।
घर–घर में जला दो,
दिया तेल और बाती।
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✍ रचनाकार:
दुर्गेश्वर राय
सहायक अध्यापक
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बलुआ,
विकास क्षेत्र - उरूवा, जनपद-गोरखपुर
मोबाइल नंबर - 8423245550
ईमेल- durgeshwarrai@gmail.com
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