वक़्त चाहिए सपनों को आकार देने में हर महान निर्माण की शुरुआत एक छोटे, अनदेखे प्रयास से होती है। जो हाथ से फिसला, वही सबक बनकर वापसी की राह द...Read More
वक़्त चाहिए सपनों को आकार देने में
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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मई 06, 2025
Rating: 5
कभी सरकारी बसों की शोभा और लोकतंत्र की प्रतीक रही “विधायक/सांसद हेतु आरक्षित सीट” अब बस के कोने में चुपचाप धूल फांक रही है। बदलते राजनीतिक च...Read More
मैं वही सीट हूं
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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मई 05, 2025
Rating: 5
यह ग़ज़ल उस मध्यमवर्गीय मानसिकता का आईना है, जो दो छोरों के बीच झूलती रहती है — एक ओर अहंकार, दूसरी ओर दीनता। समाज में जीने की मजबूरी उसे बा...Read More
हर रोज़ दो चेहरों में ढलता है आदमी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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मई 04, 2025
Rating: 5
पहलगाम के हादसें पहलगाम के हादसों से विचलित है मन। परेशान हैरान हूं मैं आज लिखूं तो क्या लिखूं।। अमरनाथ, पुलवामा, कारगिल, पहलगाम की दास्तान ...Read More
पहलगाम के हादसें
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अप्रैल 25, 2025
Rating: 5
पूर्वाग्रह पूर्वाग्रह से ग्रस्त , साहब आए ,धड़धड़ाते ..... गाड़ी रुकी, सुगबुगाहट हुई ,अधिकारी आए .... परिचय नहीं बताए , नाराज कि,पहचाने नही...Read More
पूर्वाग्रह
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अप्रैल 17, 2025
Rating: 5
जब शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित हो जाए, तो वह विचार नहीं देती—सिर्फ सूचनाएँ देती है। मगर जब शिक्षक स्वयं प्रेरणा बन जाएँ, तब कक्षा बन जाती ...Read More
"शिक्षा बने हनुमानी मशाल"
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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अप्रैल 12, 2025
Rating: 5
ईद का अनमोल तोहफा ईद की सुबह थी। घर में खुशियों का माहौल था। हर कोई नए कपड़े पहनकर तैयार था, लेकिन अमीर नाम का एक लड़का अपने कमरे में बैठा ...Read More
ईद का अनमोल तोहफा
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मार्च 30, 2025
Rating: 5
वसंत दूर ठिठुरन हो गयी है, शीत का अब अंत है। झूम कर खुशियाँ मना, अब आ गया वसंत है।।१।। शस्य वसुधा की छवि, रवि की तपन भी मन्द है। पुष्प कलियो...Read More