पाठशाला बंद कैसी विपदा,कैसी मनसा खुशियां सारी झुलस रही है। विद्यालय के सारे फूल मूर्छित होने को बेबस है। यह कैसे काँटे उगे राहों में,हर ओर क...Read More
पाठशाला बंद
Reviewed by Ram krishna mishra
on
जून 22, 2025
Rating: 5
योग योग शरीर का शासन है, अनुशासन से यह रोग भगावे। चित्त के रोज निरोध करे, अरु इन्द्रिय संयम पाठ पढ़ावे।।१।। सिंधु के काल से भारत भाल को, विश्...Read More
योग
Reviewed by Ram krishna mishra
on
जून 21, 2025
Rating: 5
नमन हम सभी रचनाकार जब भी कहीं कोई भी घटना होती है तो अपने आंखों के मन से एक कल्पना करते हुए उस घटना को कविता का रूप या कहानी का रूप दे देते ...Read More
नमन
Reviewed by Ram krishna mishra
on
जून 17, 2025
Rating: 5
ग्रीष्म ऋतु धरती का जो ताप बढ़ रहा, सोचो किसका पाप बढ़ रहा। कौन वृक्ष वन काट रहा है। मृत्यु निमंत्रण बाँट रहा है।।१।। धरती अब अंगार बनी है, मा...Read More
ग्रीष्म ऋतु
Reviewed by Ram krishna mishra
on
जून 16, 2025
Rating: 5
तपती दोपहरी तपती दोपहरी में भइया, गर्मी से है हाल बुरा। तपता सूरज ,चढ़ता पारा, व्याकुल है यह तन-मन सारा।। पंखे नें है हार मान ली, फेल हो गए...Read More
तपती दोपहरी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
जून 15, 2025
Rating: 5
रक्तदान का संकल्प ह्रदय से धमनियों द्वारा,जीवित शरीर में निरंतर होता शुद्ध रक्त प्रवाह। ईश्वर कृपा से मनुष्य जीवन मिला,सार्थक कर रक्तदान से ...Read More
रक्तदान का संकल्प
Reviewed by Ram krishna mishra
on
जून 11, 2025
Rating: 5
मैं धरती हूँ अब कहती हूँ, मैं मौन हुए सब सहती हूँ। पाला पोषा और बडा किया, हमने ही तुमको खड़ा किया। तुम इतना क्यों इतराते हो, थोड़ा भी समझ न पा...Read More
मैं धरती हूँ
Reviewed by Ram krishna mishra
on
जून 03, 2025
Rating: 5