फलक में चांद कुछ धुंधला सा है फलक में चांद कुछ धुंधला सा है, फिजाओं का रुख कुछ बदला सा है, मिला न पाये जिनके दिल से दिल, उनके जाने पर दिल क्...Read More
फलक में चांद कुछ धुंधला सा है
Reviewed by राम कृष्ण मिश्र (रिक्की)
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October 28, 2020
Rating: 5
मजबूरी एक घनघोर झंझावात है मज़बूरी मजबूरी का कोई मौसम नहीं कब कहां किस मोड़ पर पकड़ ले दामन कोई जानता नहीं । पर क्या करें,,, इस बेहिसाब बेरं...Read More
मजबूरी
Reviewed by राम कृष्ण मिश्र (रिक्की)
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October 22, 2020
Rating: 5
विषय- सागर शीर्षक- रे मन! तू बड़ा चंचल है रे रे मन! तू बड़ा चंचल है रे... सागर सा गंभीर तू बन, चाहे आए कितनी ज्वार भाटा, हर स्थिति में तू ब...Read More
रे मन! तू बड़ा चंचल है रे
Reviewed by राम कृष्ण मिश्र (रिक्की)
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October 12, 2020
Rating: 5
ARP ( अकादमिक रिसोर्स पर्सन)- गीत मिशन प्रेणना को मिल-जुल हम को सफल बनाना है । ऐसा कुछ कर जाना हैं - २ शिक्षक का सहयोग करके अपना फर्ज निभान...Read More
ARP अकादमिक रिसोर्स पर्सन
Reviewed by राम कृष्ण मिश्र (रिक्की)
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October 12, 2020
Rating: 5