मेरी कहानी रख सको तो एक निशानी हूँ मैं, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं। रोक न पाए जिसको ये सारी दुनिया, वो एक बूंद आँख का पानी हूँ मैं।। सब...Read More
मेरी कहानी
Reviewed by राम कृष्ण मिश्र (रिक्की)
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August 27, 2020
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लोमड़ी करती मोलभाव चली लोमड़ी बन-ठन बाज़ार। लाऊँ झोला भरकर शाक।। आलू कैसे दिया है भाई। दाम सुन थोड़ी हिचकाई।। बोली मैं टिण्डा ले लूँगी। पर दाम आ...Read More
लोमड़ी करती मोलभाव
Reviewed by राम कृष्ण मिश्र (रिक्की)
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August 23, 2020
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