स्त्री - धर्म Nirupama MishraMarch 08, 2016 स्त्री जीवन को धारण पालन- पोषण करती, धर्म जीवन जीने की अनुशासित - प्रेरक जीवन- शैली, स्वीकार होते दोनों आसानी से, तर्क- कुतर्क स...Read More
महान देश की ध्वजा !! निर्दोष 'कान्तेय'February 22, 2016 महान देश की ध्वजा,अतुल्य ये तिरंग है। प्रतीक शांति शौर्य का, अशोक चक्र संग है। हरेक भारतीय की,उमंग है तरंग है। उड़ान से तिरंग की, सम...Read More
कुपथगामी प्रतिभा प्राथमिक विद्यालय कोड़राFebruary 21, 2016 "कुपथगामी प्रतिभा" ज्ञान से तप कर वो इतने धारदार बन गये , अपनी गरदन के लिये ही वो तलवार बन गये । वो...छिपकर , कमरों में र...Read More
स्वप्नीले रिश्ते प्रवीण त्रिवेदीFebruary 10, 2016 गैरों की क्या बात करें,जब अपने ही सब भूल गए| कुछ दोस्त मिले थे सपनो में,सपनो की तरह ही छूट गए। हम समझे ये रिश्ते जीवन भर के हैं, पर...Read More
एक बार मुझे वो मिल जाये प्रवीण त्रिवेदीFebruary 10, 2016 एक बार मुझे वो मिल जाए, जीवन फुलवारी खिल जाए| जो कह न सके वो कह जाये, अफ़सोस न कोई रह जाये| तब अब का अंतर मिट जाए, जिससे ये मन फिर खि...Read More
आस प्रवीण त्रिवेदीFebruary 10, 2016 जीने की आस हो तुम, प्रेरणा का स्रोत हो तुम। आदि हो,अनंत हो, जीवन का खेल हो तुम। वर्तिका हो ,उजाला हो, जीने का सहारा हो तुम। जीने क...Read More
आह रे... बचपन का वो जमाना प्रवीण त्रिवेदीJanuary 30, 2016 बीत गये बचपन के वो पल टूट गया वो स्वप्न पुराना, छूट गया रथ सोने जैसा छूट गया खुशियों का खजाना। वाह रे बचपन का वो जमाना आह रे बचपन क...Read More
गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें Nirupama MishraJanuary 26, 2016 फिर उजाले से हमें धोखा हुआ है क्यों भला साँप जैसे कौन ये लिपटा हुआ है क्यों भला गोद सूनी,माँग सूनी, बुझ गया रोशन दिया चल रही सरहदों पर ...Read More
दिल फिर से बसाया है UnknownDecember 16, 2015 बहुत वीरान था ये दिल इसे फिर से बसाया है तुम्हारी चाहतों से ही ये गुलशन जगमगाया है गुलों की बेरुखी से ख़ार ग़म में डूब जाते हैं यही वो प...Read More
पुराने वक़्त का अहसास Avanindra singh jadaunDecember 10, 2015 सरकार ने आतंकबादी गतिविधियों के मद्देनजर इंटरनेट सेवा को एक सप्ताह के लिये बाधित कर दिया था।फोन का अलर्ट सुप्त अवस्था में जा चुका था। पर आद...Read More
KHUNDEY KABAAB - उसी पुराने स्वाद की तलाश में....... Pranjal SaxenaDecember 05, 2015 KHUNDEY KABAAB नाम तो सुना होगा – आज चौथी दुनिया का यह लेख न जाने क्यूँ मेरे जेहन में आ गया मैंने सोचा आपको भी रूबरू कराते चलें इस स्वाद ...Read More