कोई टीचर समझता है... निर्दोष 'कान्तेय'May 19, 2015 कोई टीचर समझता है कोई लोफर समझता है। गली का श्वान भी हमको निजी नौकर समझता है। चलूँ जब थाम कर थैला फटीचर जैसे गलियों में, समझता है कोई...Read More
जंगल में स्कूल निर्दोष 'कान्तेय'May 17, 2015 एक जंगल था। उस जंगल का राजा शेर अपने तीन बच्चों से बहुत परेशान था। उसके बच्चे बहुत अधिक शरारती थे। कभी वे गहरी नदी की ओर भाग जाते तो...Read More
चाह Nirupama MishraMay 16, 2015 अपनेपन की चाह अपने रिश्तों में रही दिल की बात दिल से हमने किश्तों में कही भावना की चाह है नही बात कमियों की हम भी तो इंसानों में फरिश्त...Read More
जीवन एक अनुत्तरित प्रश्न UnknownMay 08, 2015 जीवन एक अपरिभाषित शब्द शायद समझने की अंतहीन जिज्ञासा स्पंदन साँसों के उतार चढाव का अंतराल प्रारम्भ से अंत का साहस कुछ उत्कृष्ट कर ...Read More
मेरी छोटी से प्रेम कहानी Avanindra singh jadaunMay 06, 2015 स्टेशन पर गाड़ी का इंतज़ार बहुत बोझिल होता है खासकर जब आस पास सुन्दर सवारियाँ ना हों ।मुझे भी ट्रेन से फतेहपुर जाना था वाया कानपूर।पैसेंजर ट...Read More
दर्द Nirupama MishraApril 27, 2015 सिहर - सहम उठता ये ज़माना हर आँख रोई जिंदगी ने जब- जब भी अर्थी मौत की ढोई कहीं टूटे सपनें किसी के छूट गये अपने पाया इस दर्द को जिसने कब...Read More
शासनादेश का प्रभाव Avanindra singh jadaunApril 23, 2015 आज कल स्कूल में बड़ी गहमा गहमी चल रही है प्रधानाध्यापक जी भी बड़े प्रसन्न है शासन के एक आदेश ने सरकारी स्कूलों की टी आर पी एकदम बड़ा...Read More
जाँच सुविधा निवेश खाता Avanindra singh jadaunApril 21, 2015 जांच सुबिधा निवेश खाता नयी भर्ती का जोश मेरे सर पर चढ़ कर बोल रहा था ।अभी अभी मैं नया मास्टर बना था ।शिक्षा को सुधारने की कसम खून में वक़्...Read More
लौट आना प्रिये Nirupama MishraApril 20, 2015 उगते हुए सूरज हो तुम अभी, बहुत होगा वंदन - अभिनंदन पर दर्प से दीप्ति तुम्हारी प्रसन्नता जब चरम पर होगी, क्या देख सकोगे तुम किसी म...Read More
अम्मा जी का मृत्यु उत्सव Avanindra singh jadaunApril 14, 2015 शाम को 6 बजे अम्मा जी ने अंतिम सांस ली और घर में कोहराम सा मच गया आनन फानन सभी रिश्तेदारों को फ़ोन किये जाने लगे घर के सभी लोग दुखी कम और पर...Read More
हसीं ख़ाब निर्दोष 'कान्तेय'April 07, 2015 कभी पूजा हमें तुमने कभी दिल से निकाला है। तुम्हारी इन अदाओं ने क़सम से मार डाला है। ज़बां मीठी हसीं रुख़सार करते क़त्ल कितनों का, नहीं ये...Read More