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पुरानी पेंशन को लड़ लो ....

तन से लड़ लो ,मन से लड़ लो
हाथ उठा जीवन से लड़ लो।
साथी हाथ न छूटे हमसे,
कोई साथ न छूटे हमसे,
सब मिलकर आवाज उठाओ
उठो जरा शासन से लड़ लो।
तन से लड़ लो...।


पेंशन कोई भीख नही है,
बाकी कोई सीख नही है,
हमतुम जुड़ कर कड़ी बनाएं,
कटुता दम्भ वचन से लड़ लो।
तन से लड़ लो..।


ये भी अपने वो भी अपने,
ओ पी एस हैं सबके सपने,
मिले हमे सम्मान सभी से
इस हित जगो दमन से लड़ लो।
तन से लड़ लो..।


अकुलाहट बेचैनी उनको भी दो,
अपने ताक़त की पहचान कराओ,
अब "प्रभात" आ गया साथियों
निंदक उस चिंतन से लड़ लो।
तन से लड़ लो..।


पेंशन संघर्ष समर्पित
प्रभात "गोरखपुरी"

✍ लेखक 
प्रभात त्रिपाठी 'गोरखपुरी'
(स0 अ0) 
पू मा विद्यालय लगुनही गगहा,
गोरखपुर
📱 9795524218

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