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हिंदी हमारा मन है

यह मातृ भाषा मेरी
यह राज भाषा मेरी
अ से हुआ आरम्भ
हुई शिक्षा मेरी प्रारम्भ
हाथ पकड़ के मां ने
मुझको सिखाया लिखना
वर्णों, मात्राओं का
ज्ञान कराया इतना
सबको मिला मिलाकर
शब्द ज्ञान हुआ मुझको
वाक्यों को पढ़ समझकर
बहुत मान हुआ मुझको
ज्ञान, विज्ञान की भाषा
है अति सम्मान की भाषा
भारत का गर्व है यह
हम सब का सर्व है यह
हर्ष और प्रेम इसमें
है कुशलक्षेम इसमें
वीरों में जोश भरदे
है हिंदी ऐसी भाषा
लिपि इसकी देवनागरी
हैं संस्कार और आशा
बोली तो अनगिनत हैं
पर सबका एक तन है
हिंदी है हमवतन हैं
हिंदी हमारा मन है

रचयिता
आमिर फ़ारूक़,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय औरंगाबाद माफ़ी,
विकास क्षेत्र सालारपुर,
जनपद बदायूँ

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