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हे ! छात्र

हे  ! छात्र

हे! छात्र
सुनो यह बात
न हो उदास ।
कर प्रयास ।
लक्ष्य है पास ।
शुरूआत तो कर ।।

हे ! छात्र ।
सुनो यह बात ।
अग्नि की तरह हो ।
बाधाएं
मिले हर ओर ये बाधाएं।
न रुक और
न हो उदास ।
कर प्रयास ।
लक्ष्य है पास ।
शुरुआत तो कर ।।

हे! छात्र
सुनो यह बात ।
जीवन एक संघर्ष।
सुख और दुःख ।
इसके पर्व ।
जब तक साँस चलेगी
देखो ये मिलेंगे ।
हर वक़्त  ।।
रहे स्मरण ये शब्द ।
न रुक ।
न हो उदास ।
कर प्रयास ।
लक्ष्य है पास ।
शुरुआत तो कर ।।

हे ! छात्र
सुनो यह बात ।
कर्म स्वाभाव मनुष्य का ।
क्यों इससे पीछे रहना।
राह बस कर्त्तव्य ।
की  पकड़ और ।
न  रुक और ।
न हो उदास ।
कर प्रयास ।
लक्ष्य है पास ।
शुरुआत तो कर ।।

जय हिंद, जय भारत, जय शिक्षक ।।

रचनाकार
प्रमोद कुमार, सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय धावनी हसनपुर,
वि0क्षे0-बिलासपुर,
जनपद-रामपुर।

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