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नववर्ष का नवगीत

देखो नया साल फिर आया
शब्द पिरोकर गीत बनाया
मधुर-मधुर ध्वनि
आती भिनकर
आसमान में आतिशबाजी
चाँद-सितारे भी हैं राजी
बाँट रहे हैं
खुशियाँ मिलकर
इस नये साल की आदर को
चीर कुहासों की चादर को
सुबह-सवेरे
निकला दिनकर
कस्बे में सब उल्लासित हैं
बच्चे-बूढ़े अभिलाषित हैं
पगडण्डी पर
स्वागत लिखकर
गये साल की हुयी विदाई
नये साल के लिए बधाई
मुसकाती हैं
कलियाँ खिलकर
    
रचनाकार
योगेन्द्र प्रताप मौर्य
बरसठी,जौनपुर
8400332294


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