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जंगल में स्कूल

     एक जंगल था। उस जंगल का राजा शेर अपने तीन बच्चों से बहुत परेशान था। उसके बच्चे बहुत अधिक शरारती थे। कभी वे गहरी नदी की ओर भाग जाते  तो कभी शिकार के वक़्त शिकार को डरा कर भगा देते थे। इन बच्चों की शिकार करना सीखने में भी कोई रूचि नहीं थी।
   
     बच्चों की हरकतों से परेशान होकर एक दिन शेर ने अपने मंत्री भालू को बुलाया और अपनी समस्या बताई।
भालू ने उसे समझाया कि महाराज! इन बच्चों की शिक्षा का उचित प्रबन्ध हो जाये तो ये सुधर जायेंगे।
शेर ने कहा इसके लिए क्या करना होगा?
भालू ने कहा महाराज! यदि आप जंगल में एक स्कूल खोल दें तो मैं इन बच्चों की शिक्षा का प्रबन्ध कर दूँगा।
शेर को यह सलाह जँच गई और उसने विद्यालय खोलने का आदेश दे दिया। इस आदेश से पूरे जंगल में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। जल्द ही जंगल में स्कूल बनकर तैयार हो गया।
भालू को स्कूल का प्रधानाचार्य और चीते को मैनेजर बनाया गया। भालू और चीते ने मिलकर बन्दर, खरगोश और लोमड़ी को शिक्षक के रूप में नियुक्त कर लिया।
    स्कूल बनने के बाद शेर ने भालू से कहा कि इस स्कूल में सिर्फ़ मेरे बच्चे ही पढ़ेंगे। यह बात भालू को पसन्द नहीं आई लेकिन उसकी कुछ कहने की हिम्मत न हुई।
वहाँ से जाने के बाद उसने अपने स्टाफ की मीटिंग बुलाई और शेर की इच्छा से अवगत कराया। यह बात पूरे स्टाफ में किसी को अच्छी नहीं लगी।
बन्दर ने कहा- शेर जंगल के राजा हैं, जंगल के सभी बच्चों की शिक्षा का प्रबन्ध उनका दायित्व है। हम केवल शेर के बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे। खरगोश और लोमड़ी ने भी बन्दर की बात का समर्थन किया। तब चीते ने कहा इस बात को शेर तक कैसे पहुँचाया जाए?
     पूरे स्टाफ में राजा से यह बात कहने की किसी की हिम्मत न हुई तब खरगोश ने कहा हम जंगल के पूरे निवासियों को साथ लेकर सामूहिक रूप से इसका विरोध करेंगे।
     बहुत जल्द यह बात सभी जंगल वासियों तक पहुँच गई कि स्कूल में सिर्फ़ शेर के बच्चे ही पढ़ेंगे।
इस बात से सभी जंगलवासी आक्रोशित हो गए और सभी ने इस बात का सामूहिक विरोध करने का फ़ैसला लिया।
     भालू, बन्दर और जंगल के अन्य सभी निवासी एक जगह इकठ्ठा हुए और स्कूल में सभी बच्चों के प्रवेश की एक सूत्री माँग के साथ शेर के घर की ओर मार्च निकाला।
     जंगल वासियों की बात शेर तक पहुँची तो उसने सबकी बात ध्यानपूर्वक सुनी।
भालू ने कहा महाराज! आप जंगल के राजा हैं, जंगल के सभी बच्चों की शिक्षा आपका दायित्व है। जंगल के सभी बच्चे पढ़ेंगे तो जंगल की तरक़्क़ी होगी और जब सभी बच्चे साथ पढ़ेंगे तो उनका स्वाभाविक विकास होगा।
राजा शेर को अपनी ग़लती का एहसास हुआ, वे भालू व अन्य सभी की बात से सहमत हुए... उन्होंने स्कूल में सभी बच्चों के प्रवेश की सहर्ष अनुमति प्रदान कर दी।

1 टिप्पणी:

  1. कुल मिला कर अन्य का प्रवेश तो तभी होगा जब शेर चाहेगा..... चाहे द्रवित हो कर या फिर हृदय परिवर्तन से......

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