एक चौपइया छंद के साथ आप सभी को होलिकोत्सव की कोटि कोटि बधाइयां.... व अनंत शुभकामनाएं
भै धरती धानी, बड़ी सुहानी, ये रुत है मस्तानी।
आई है होली, हँसी ठिठोली, जागे प्रीत पुरानी।
सब दिल मिल जायें, गुल खिल जायें, दुनिया आज दिवानी।
सुन लो अब सब जी, मेरी अरजी, छेड़ो प्रेम कहानी।
रचना- निर्दोष दीक्षित
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