Breaking News

जीवन चक्र

जन्म'
आह्लाद की गठरी।
ठहाके....
फ़िर...
पथ
संघर्ष का
और
उसपर
घिसटता
काल चक्र
और
उससे
स्पर्धा करता
जीवन
और पीछे छूटते....
जीवन के पग चिह्न
फ़िर !!
'मौत'
एक ठहराव।
पल भर का सन्नाटा,
फिर वही ठहाका।
न पथ रुका,
न जीवन।
कालचक्र चलता रहा....
उसी गति से....
अनंत की ओर।
- तनु सहाय '

कोई टिप्पणी नहीं